अर्थव्यवस्था पर असर
- बढ़ता जीएसटी कलेक्शन सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याण योजनाओं पर अधिक खर्च करने की क्षमता देता है।
- टैक्स कंप्लायंस बेहतर होने से फिस्कल डेफिसिट नियंत्रित रखने में मदद मिलती है
स्टॉक्स और सेक्टर्स पर असर
1. FMCG (Fast Moving Consumer Goods)
- कंपनियाँ: HUL, Dabur, ITC, Marico, Nestle India
- वजह: कम टैक्स स्ट्रक्चर और आसान डिस्ट्रीब्यूशन से सेल्स बढ़ने की संभावना।
2. ऑटोमोबाइल सेक्टर
- कंपनियाँ: Maruti Suzuki, Tata Motors, M&M, Bajaj Auto, Hero MotoCorp
- वजह: जीएसटी से लॉजिस्टिक्स सस्ता होता है और डिमांड बढ़ सकती है।
3. सिमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर
- कंपनियाँ: Ultratech Cement, Shree Cement, Ambuja Cement, ACC
- वजह: बढ़े हुए सरकारी खर्च और बेहतर टैक्स अनुपालन से कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बढ़ावा।
4. ई-कॉमर्स और रिटेल
- कंपनियाँ: Avenue Supermarts (DMart), Trent, Reliance Retail (RIL)
- वजह: जीएसटी से सप्लाई चेन सिंपल हो गई है और उपभोक्ता तक पहुँच आसान।
5. लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग
- कंपनियाँ: Container Corporation, Allcargo Logistics, Delhivery, Blue Dart
- वजह: टैक्स एकीकरण से ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज की लागत कम।
6. मैन्युफैक्चरिंग और MSMEs
- बड़ी कंपनियाँ: L&T, Siemens, Havells, Crompton, Voltas
- वजह: कंप्लायंस आसान होने से इंडस्ट्री का स्केल-अप तेज़।